भारतीय सिनेमा में हॉरर-कॉमेडी की एक अनोखी शैली का परिचय कराने वाली फिल्म ‘स्त्री’ ने 2018 में दर्शकों को खासा प्रभावित किया था। इसके असाधारण कथानक, मनोहारी दृश्य, और शानदार अभिनय ने इसे न केवल व्यावसायिक सफलता दिलाई, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बनाई। अब इस फिल्म का बहुप्रतीक्षित सीक्वल ‘स्त्री 2’ फिर से उसी डर और हंसी का मिश्रण लेकर आने को तैयार है।
कहानी की झलक
‘स्त्री 2’ की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहली फिल्म का अंत हुआ था। छोटे से शहर चंदेरी में फिर से अजीबो-गरीब घटनाएं घटने लगती हैं। इस बार, कहानी में और भी रहस्यमय तत्व जुड़ते हैं, जो दर्शकों को अंत तक सस्पेंस में बांधे रखते हैं।
स्त्री (जिसे श्रद्धा कपूर ने निभाया था) का किरदार और भी गहराई और रहस्यों के साथ सामने आता है। उसकी पृष्ठभूमि और मकसद के बारे में और अधिक जानकारी मिलती है, जो पहले भाग में अधूरी रह गई थी। विकी (राजकुमार राव) और उनके दोस्तों की टोली (अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी द्वारा निभाए गए किरदार) एक बार फिर से स्त्री के आतंक का सामना करने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन इस बार कहानी में ट्विस्ट और भी खतरनाक और रोमांचक होते हैं।
निर्देशन और लेखन
‘स्त्री 2’ का निर्देशन भी अमर कौशिक ने किया है, जिन्होंने पहली फिल्म को एक अलग ही स्तर पर पहुंचाया था। अमर कौशिक ने एक बार फिर से इस जॉनर को मजबूती से पकड़ते हुए कहानी को नए मोड़ दिए हैं, जिससे फिल्म की रोचकता बढ़ गई है।
राज निदिमोरु और कृष्णा डीके, जो पहली फिल्म के लेखक थे, इस बार भी उसी शानदार लेखनी के साथ लौटे हैं। उन्होंने पटकथा में ऐसे ट्विस्ट और टर्न्स जोड़े हैं, जो दर्शकों को हर पल बांधे रखते हैं। इसके अलावा, फिल्म के संवाद भी पहले की तरह चुटीले और मनोरंजक हैं, जो इसे एक संपूर्ण मनोरंजन का पैकेज बनाते हैं।
अभिनय और किरदार
राजकुमार राव ने विकी के किरदार में एक बार फिर से जान डाल दी है। उनकी कॉमिक टाइमिंग और गंभीर दृश्यों में उनके अभिव्यक्ति का अनूठा मिश्रण फिल्म की जान है। श्रद्धा कपूर भी स्त्री के रूप में और अधिक प्रभावी नजर आती हैं। उनके किरदार में इस बार और भी जटिलता और गहराई देखने को मिलती है।
अभिषेक बनर्जी और अपारशक्ति खुराना ने अपने-अपने किरदारों में हास्य का पुट बनाए रखा है, जो फिल्म की टेंशन को हल्का करते हैं। पंकज त्रिपाठी, जो पिछले भाग में भी अपनी भूमिका से छा गए थे, इस बार भी कुछ नए अंदाज में दर्शकों को हंसाने और डराने में सफल रहते हैं।
संगीत और सिनेमैटोग्राफी
फिल्म का संगीत, जो कि साचिन-जिगर द्वारा रचित है, कहानी के साथ बखूबी मेल खाता है। गाने कहानी को आगे बढ़ाते हैं और माहौल को गहराई देते हैं। फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर में भी एक रहस्यमय तत्व है, जो दर्शकों को अंत तक जकड़े रखता है।
सिनेमैटोग्राफी की बात करें तो, चंदेरी की गलियां और फिल्म का डरावना माहौल बहुत ही सुंदरता से कैमरे में कैद किया गया है। अमर कौशिक ने एक बार फिर साबित किया है कि वे इस जॉनर को कितनी खूबसूरती से पेश कर सकते हैं।
निष्कर्ष
‘स्त्री 2’ एक बार फिर से भारतीय सिनेमा में हॉरर-कॉमेडी के स्तर को ऊंचा उठाने वाली फिल्म साबित होती है। यह फिल्म दर्शकों को हंसी और डर के एक नए सफर पर ले जाती है, जहां मनोरंजन के साथ-साथ एक नई कहानी भी देखने को मिलती है। अगर आप ‘स्त्री’ के फैन हैं, तो ‘स्त्री 2’ आपको निराश नहीं करेगी। यह फिल्म आपको फिर से उस रहस्यमयी दुनिया में ले जाएगी, जहां डर और हंसी का एक अद्भुत संगम है।